Skip to main content

शवदाह गृह के योद्धा बोले- हमने ऐसे भी बेटे देखे, जो मां के शव को हाथ नहीं लगाते लेकिन पायल-अंगूठी निकाल लेते हैं

हमें तारीख तो याद नहीं। पहली बार कोरोना से जान गवां चुके व्यक्ति की बाॅडी यहां आई तो हमको समझ नहीं आया। लोडिंग में शव। परिवार के लोग ही हाथ लगाने को तैयार नहीं। हमको भी पहले ही बोल दिया था कि शव आते ही दाह संस्कार के लिए जाएगा। तब बहुत दुख हुआ, बुरा लगा, कैसे लोग हैं... जो सिर से पैर तक ढंके हुए हैं, लेकिन अपने ही सदस्य के शव को हाथ लगाने को तैयार नहीं। अब तो आदत ही बन गई।

एक घटना तो ऐसी है कि बेटे मां के शव को दूर से देखते रहे, लेकिन घर से किसी का फोन आया तो दौड़ते हुए शव के पास आए। शव का कवर पैर की तरफ से खोला। हमें लगा प्रमाण करने वाला है, लेकिन बेटे ने मां की पायल निकाल ली और दूर चला गया। यह कहना है इंदौर केरामबाग मुक्तिधाम के दिलीप माने, अविनाश करोसिया और गणेश गौड़ का। कोरोना से मरने वालों के शव इसी श्मशान के विद्युत शवदाह में जलाए जा रहे हैं। तीनों के जीवन में क्या बदलाव आया, लोग इन्हें किस तरह देखते हैं और मनोदशा कैसी हो गई इन्हीं की जुबानी सुनिए...

60 दिन से दो जोड़ी कपड़े ही चला रहा हूं
अविनाश करोसिया कहते हैं कि कोरोना के पहले अंतिम संस्कार के वक्त ऐसा डराने वाला माहौल नहीं रहता था। अब तो लोडिंग में शव आता है तो सन्नाटा छा जाता है। परिवार के लोगो को समझाना पड़ता है, उपदेश देते हैं कि अंतिम समय तो कंधा देकर शव को इलेक्ट्रिक शवदाह तक रखवा दो, लेकिन उसमें चार में से कोई एक तैयार होता है। लगभग 60 मामलों में हम यह देख चुके हैं।

कई बार तो हम तीन लोगों को ही परिजन का काम करना होता है। 60 दिन हो गए, दो जोड़ कपड़ों से ही काम चला रहा हूं। पहले तो हमारे परिवार को चिंता हो गई थी। मना करते थे कि कोविड शवों को मत जलाया करो, लेकिन जब उन्हें किस्से बताए तो काफी दुखी हुए। अब उन्हें हम पर नाज है। जाने-अनजाने शवों का अंतिम संस्कार करने का अवसर मिल रहा है।

किसी को तो काम करना है

गणेश गौड़-अविनाश करोसिया


दिलीप माने कहते हैं कि किसी को तो यह काम करना ही है। कई बार तो ऐसा भी हुआ चार लोग भी पूरे नहीं होते। ऐसे में अरबिंदो अस्पताल का स्टाफ और हमें शव उठाकर रखवाना होता है। दाह संस्कार के वक्त भी परिजन बहुत दूर खड़े हो जाते हैं, लेकिन हमारा दफ्तर तो शवदाह गृह के पास ही है। मुंह पर मास्क लगा होता है, लेकिन धुआं तो फिर भी आता ही है। जाने कितने शवों का अस्थि संचय भी हम ही कर रहे हैं। इन्हें अपना समझकर ही संचय कर रख देते हैं।

जो बना है वह फना होना है
लुनियापुरा कब्रिस्तान में प्रवेश करते ही छोटे कद के उम्रदराज और लंबे बाल, दाढ़ी वाले रफीक शाह बैठे मिले। कोविड से दिवंगत हुए लोगों का पूछा ही था कि तपाक से बोले पड़े... देखो साहब जो बना है वो फना होना है, मौत से किसकी यारी है, आज मेरी तो कल तुम्हारी बारी है। 30 साल से इस कब्रिस्तान में हूं, लेकिन इतनी जल्दी-जल्दी शव आना इन दो महीनों में ही देखा है। ईंट-सीमेंट जोड़कर घर बनाने वालों से अब कब्रें खुदवाना पड़ रही है। मुझे चार घंटे पहले बता दिया जाता है कि कोई शव आना है।

मैं 10 फोन लगाता हूं तब जाकर कब्र खोदने वाले चार लोग मिलते हैं। अब तो इनके नंबर भी याद कर लिए हैं। मैं तो बस कब्र खुदवा देता हूंं। परिजन शव को रख देते हैं तो मिट्टी डलवाकर फूल चढ़वा देता हूं। हां, गर्मी है तो सब कब्रों के पानी का कुंडा भी भर देता हूं। दुआएं मिलती हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
कोरोना से जान गंवाने वाले एक व्यक्ति की रामबाग मुक्तिधाम के विद्युत शवदाह गृह में की अंत्येष्टि करते अविनाश करोसिया। इसी मुक्तिधाम में विद्युत शवदाह गृह है, इसलिए प्रशासन ने यहां पर ही क्रियाकर्म के आदेश दिए हैं। लगभग 50 दिन से यहां शव आ रहे हैं। (फोटो-संदीप जैन)


https://ift.tt/2X9Ses4

Comments

Popular Posts

कांग्रेस में शामिल 6 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए आज हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगी बसपा; भाजपा विधायक की याचिका पर भी होगी सुनवाई

बहुजन समाज पार्टी बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सभी 6 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर करेगी। इसके साथ ही भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी। जिसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने और बसपा के विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ अपील की है। मामले की सुनवाई जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ करेगी। कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष मामले में 24 जुलाई को ही आदेश पारित करते हुए याचिका खारिज कर दी गई थी, लिहाजा उसके कोई मायने नहीं। भाजपा नई याचिका दायर सकती है। अब मदन दिलावर द्वारा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा याचिका को खारिज करने के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी गई है। साथ ही बसपा के 6 विधायकों के विलय के खिलाफ भी फिर से याचिका लगाई गई है। बसपा राष्ट्रीय पार्टी, अध्यक्ष की सहमति के बिना विलय संभव नहीं बसपा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि पार्टी महासचिव ने व्हिप जारी किया हुआ है, जिसमें कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के आदेश हैं। अगर फ्लोर टेस्ट मैं व्हिप का उ...

सेठ ने फ्लाइट से वापस बुलवाया था, दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट हो गया तो भगा दिया, तीन दिन स्टेशन पर भूखे पड़े रहे

सेठ को काम शुरू करना था तो उन्होंने हमें फ्लाइट से मेंगलुरू बुलवाया था। वहां पहुंचे तो उन्होंने बताया कि अब दूसरी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट हो गया है, इसलिए तुम्हारी जरूरत नहीं। हमने वापस जाने के लिए किराया देने का कहा तो बोले, तुम्हें पहले ही फ्लाइट से बुलवाया है, मेरा काफी पैसा खर्च हो गया। अब जाने का किराया नहीं दे सकता। अपने हिसाब से निकल जाओ। इसके बाद हम बड़ी मुश्किल से मुंबई तक आए। मुंबई स्टेशन पर तीन दिन तक पड़े रहे क्योंकि वापस जाने का किराया ही नहीं था। दो दिन से खाना नहीं खाया था। कृष्णकांत धुरिया नाम के ऑटो चालक ने खाना खिलवाया। उन्हीं के मोबाइल पर रिश्तेदार से पांच सौ रुपए डलवाए, तब कहीं जाकर गोरखपुर के लिए निकल पा रहे हैं। यह दास्तां गोरखपुर से मेंगलुरू गए उन आठ मजदूरों की है, जो मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन पर तीन दिनों तक फंसे रहे। तीन दिन भूखे थे। इन लोगों का हाल देखकर ऑटो चालक कृष्णकांत ने बात की और इन्हें तिलक नगर में शिव भोजन में खिलाने ले गया। वहां 5 रुपए में खाना मिलता है। वहां 5 रुपए में इन लोगों को एक की बजाए दो-दो प्लेट खाना दिया गया। फिर कुशीनगर ट्रेन से ये ...