विदेशों में फंसे भारतीयों की वतन वापसी के लिए केंद्र सरकार समुद्र सेतु मिशन और वंदे भारत मिशन चला रही है। रविवार को नौसेना का आईएनएस जलाश्व समुद्र सेतु परियोजना के दूसरे चरण के तहत श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पहुंचा। यह सोमवार देर शाम वहां रवाना होगा और 700 भारतीयों को लेकर तमिलनाडु के तुतीकोरीन आएगा। इसके बाद यह एक बार फिर भारतीयों को लाने के लिए मालदीव और बंदर रवाना होगा। जलाश्व अब तक विदेशों से 1286 लोगों को वापस ला चुका है।
कोलंबो में भारतीय दूतावास को जलाश्व से भारतीयों की वापसी से जुड़े काम पूरा करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें श्रीलंका की नौसेना और स्थानीय अधिकारी भी मदद करेंगे। जलाश्वर इससे पहलेभी मालदीव की राजधानी माले से दो बार भारतीयों को लेकर वापस लौटा था।
जहाज को तीन जोन में बांटा गया
आईएनएस के एक्सक्यूटिव ऑफिसर गौरव दुर्गापाल ने बताया कि लोगों को लाने में नेवल हेडक्वार्टर कमांड की ओर से जारी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। जहाज को तीन जोन में बांटा गया है। रेड जोन में वापस लाए जाने वाले सभी लोगों को बिठाया जाएगा। ऑरेंज जोन में लौटने वाले लोगों का ध्यान रखने वाली टीम तैनात रहेगी। वहीं, ग्रीन अफसरों और सेलर्स जहाज के ग्रीन जोन में रहेंगे। लोगों को लाने और जहाज पर बिठाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इस पर मौजूद सभी अफसरों और नैसैनिकों को पीपीई किट उपलब्ध करवाया गया है।
नौसेना के जहाजों से 1488 लोग वापस आए
माले से 698 भारतीयों को लेकर आईएनएस जलाश्व पहली बार 10 मई को कोच्चि पहुंचा था। यह 595 पुरुष और 103 महिलाओं को लेकर लौटा था। इनमें 19 गर्भवती महिलाएं भी शामिल थी। इसके बाद 11 मई को आईएनएस मगर मालदीव से 202 भारतीयों को लेकर कोच्चि पहुंचा था।17 मई को जलाश्व मालदीव से 588 भारतीयों को लेक कोच्चि बंदरगाह पहुंचा था। अब तक कुल1488 लोग नौसेना के मगर और जलाश्व से वापस लौटे हैं।
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