अमेरिका में खराब मौसम की वजह से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट और क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्टकी लॉन्चिंग टालनी पड़ी। इसे 27 मई की रात को दो बजकर तीन मिनट पर नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से दो अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स के साथ उड़ान भरनी थी, लेकिन 16 मिनट पहले मिशन को रोक दिया गया। अब 30 मई को इसे अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। 2011 के बाद यह पहला मौका था जब अमेरिका अपने देश से स्वदेशी रॉकेट की मदद से अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन(आईएसएस) भेजने वाला था।
दरअसल, नासा एलन मस्क की निजी कंपनी स्पेस एक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस भेजने जा रहा है। स्पेस एक्स का क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट फॉल्कन रॉकेट के ऊपर लगाया गया है। इससे अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले मौजूद रहेंगे। दोनों पहले भी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा कर चुके हैं।
"We are not going to launch today."
— NASA (@NASA) May 27, 2020
Due to the weather conditions, the launch is scrubbing. Our next opportunity will be Saturday, May 30 at 3:22pm ET. Live #LaunchAmerica coverage will begin at 11am ET. pic.twitter.com/c7R1AmLLYh
20 साल साल से मिशन पर काम चल रहा है
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नासा 2000 के दशक की शुरुआत से ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर क्रू की आवाजाही का काम छोड़ने की योजना बना रहा है। इसी के तहत, उसने एक प्रोग्राम शुरू किया। इसमें निजी फर्मों को शामिल किया जाएगा।
- अमेरिका ने 2011 में यान भेजने बंद कर दिए थे। इसके बाद अमेरिकी अंतरिक्ष अभियानों को रूस की उड़ानों का सहारा लेना पड़ा। इसका खर्च लगातार बढ़ता जा रहा था। इसके बाद नासा ने स्पेस एक्स को बड़ी आर्थिक मदद देकर अंतरिक्ष मिशन के लिए मंजूरी दी। एलन मस्क की इस कंपनी ने 2012 में पहली बार अंतरिक्ष में अपना कैप्सूल भेजा।
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इसके बाद अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क की स्पेसएक्स एयरोस्पेस सेक्टर की दिग्गज कंपनी बोइंग के साथ आगे आई। एलन मस्क ने स्पेसएक्स कंपनी को 2002 में बनाया था। इसका मकसद अंतरिक्ष में ट्रांसपोर्टेशन की लागत को कम करना है। साथ ही मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बनाना भी है।
12 दिन अंतरिक्ष में रहकर 16 सूर्योदय देखेंगे, 71-71 करोड़ रु. दिए
कोरोनावायरस के संक्रमण के बीच दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को यात्रा से पहले 15 दिनों तक क्वारैंटाइन में रखा गया। दोनों यात्री 12 दिन तक अंतरिक्ष में रहेंगे। इसके लिए दोनों ने 71-71 करोड़ रु. खर्च किए हैं। इस दौरान वे 16 सूर्योदय देख सकेंगे।
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