Skip to main content

अतनु की हुईं दीपिका; दाे तीरंदाजों का अब एक निशाना, लद्दाख के इतिहास में पहली बार बिना भागीदारी के मनाया गया हेमिस फेस्टिवल

तीरंदाजी के दो धुरंधर मंगलवार को एक-दूजे के हो गए। ओलिंपियन पद्मश्री दीपिका और अतनु दास ने सात फेरे लेकर जिंदगी की नई पारी शुरू की। अतनु दास ने दीपिका को मास्कपहनाकर रक्षा का नया वचन दिया। अतनु दास सात बारातियों के साथ सोमवार को ही रांची पहुंच गए थे। वहीं परिवार की ओर से करीब 50 लोग समारोह में शामिल थे। शादी के बाद सीएमहेमंत सोरेन, सांसद संजय सेठ और विधायक सुदेश महतो व नवीन जायसवाल सहित कई लोगों ने वर-वधु को आशीर्वाद दिया। सीएम ने कहा-दीपिका हमारे राज्य की शान है। उन्हें जीवन की नई पारी की शुभकामनाएं।

लद्दाख के इतिहास में पहली बार बिना भागीदारी के मनात्योहार

लेह-लद्दाख का दो दिवसीय हेमिस फेस्टिवल मंगलवार से शुरू हो गया है। लद्दाख के इतिहास में यह पहला मौका है, जब इसे सांकेतिक रूप से मनाया जा रहा है। कोविड-19 को देखते हुए पहले दिन फेस्टिवल में 13 भिक्षु, 13 काली टोपी वाले नर्तक और पारंपरिक वेशभूषा वाले 16 नर्तक शामिल हुए। त्योहार लेह के एक खाली यार्ड में मनाया जा रहा है। स्थानीय लोग बताते हैं- ‘गुरु रिन्पोछे पद्मसंभव 8वीं सदी में महान बुद्धिष्ट मास्टर थे। उन्होंने लद्दाख से बुरी आत्माओं को भगाया था। इस कारण हेमिस फेस्टिवल बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर उन्हीं की याद में मनाया जाता है।

सेक्टर-17 में धूमधाम से मनायागर्व उत्सव

चंडीगढ़में एलजीबीटी और किन्नर समुदाय के लोगों ने सेक्टर-17 में सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए एक गर्व उत्सव मनाया। ताकि लैंगिक भेद और असमानता खत्म हो और सब मिलकर देश निर्माण में सहभागी बने।

आकाशीय बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत

गुजरात में मंगलवार को आकाशीय बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 17 अन्य झुलस गए। अधिकांश हादसे सौराष्ट्र अंचल में हुए। यहां दिख रहा फोटो भावनगर कीहै। यहां आकाशीय बिजली गिरने के पलों को एक्रेसिल लिमिटेड के चेयरमैन चिराग पारेख ने विक्टोरिया पॉर्क में मोबाइल कैमरे में कैद किया।

ट्यूबवैल खुदवाकर भूली पंचायत

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के भुंडेला में लंबे समय से पेयजल संकट है। सार्वजनिक ट्यूबवैल से ग्रामीण स्वयं मोटर लगवाकर हंस आश्रम की बिजली व टांके से पानी ले रहे हैं। ट्यूबवैल चालू होने से पहले ही यहां पानी के लिए रोजाना लंबी कतार लग जाती है। स्कूल परिसर में लगा हैंडपंप भी खराब पड़ा है।

पिछली बार से 90 मिमी ज्यादा पानी जून में गिरा

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मंगलवार को जमकर बारिश हुई। एक ही दिन में 96 मिमी बारिश दर्ज की गई है। 30 जून तक 276.7 मिमी बारिश हो चुकी है। पिछले साल 187.1 मिमी बारिश हुई थी। इस तरह 89.6 मिमी अधिक वर्षा हुई। मौसम विभाग ने बुधवार को भी बारिश होने की संभावना जताई है। मौसम का एक चक्रवाती घेरा छत्तीसगढ़ में बना हुआ है इसलिए बारिश होगी। बुधवार को भी बारिश हो सकती है।

एक टांग पर 5 घंटे खड़े रहकर सो भी लेते हैं राजहंस

मध्यप्रदेश के गुना जिले में स्थित सिंगवासा तालाब में इस साल पहली बार ग्रेटर फ्लेमिंगों (राजहंस) की प्रजाति प्रवास पर आई है। आमतौर पर प्रवासी पक्षी सर्दियों में आते हैं। सिंगवासा पर कई बार साइबेरियन सारस देखे गए हैं पर ग्रेटर फ्लेमिंगो अपेक्षाकृत गर्म देशों की प्रजाति है।लॉकडाउन और भरपूर पानी के कारण हुआ प्रवास इस बार लॉकडाउन के कारण सिंगवासा के आसपास मानवीय गतिविधियां बहुत कम है। वहीं पिछले साल हुए गहरीकरण के शानदार नतीजे इस बार दिखाई दे रहे हैं। इन दोनों अनुकूल स्थितियों के कारण यह पक्षी पहली बार हमारे यहां आएहैं।

कोरोना काल में इस तरह परिजनों से मुलाकात

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के नवापारा बारीडीह पंचायत के प्राइमरी सरकारी स्कूल में इलाहाबाद से लौटा मजदूर का परिवार क्वारैंटाइन में है। मजदूर अशोकअपने बच्चों ने मिलने शुक्रवार को क्वारैंटाइन सेंटर पहुंचे। वे स्कूल के गेट पर खड़े हो गए और अपने बच्चे, पत्नी,बहन और बहनोई को दूर से देखा। गेट के बाहर से ही बातचीत की। उन्होंने बताया कि घर पर आज अच्छी सब्जी बनी थी, सोचा बच्चों को खिला दूं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Deepika became Atanu; Now a target of archers, Hemis Festival was celebrated for the first time in the history of Ladakh without participation.


https://ift.tt/2VApSWR

Comments

Popular Posts

सेठ ने फ्लाइट से वापस बुलवाया था, दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट हो गया तो भगा दिया, तीन दिन स्टेशन पर भूखे पड़े रहे

सेठ को काम शुरू करना था तो उन्होंने हमें फ्लाइट से मेंगलुरू बुलवाया था। वहां पहुंचे तो उन्होंने बताया कि अब दूसरी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट हो गया है, इसलिए तुम्हारी जरूरत नहीं। हमने वापस जाने के लिए किराया देने का कहा तो बोले, तुम्हें पहले ही फ्लाइट से बुलवाया है, मेरा काफी पैसा खर्च हो गया। अब जाने का किराया नहीं दे सकता। अपने हिसाब से निकल जाओ। इसके बाद हम बड़ी मुश्किल से मुंबई तक आए। मुंबई स्टेशन पर तीन दिन तक पड़े रहे क्योंकि वापस जाने का किराया ही नहीं था। दो दिन से खाना नहीं खाया था। कृष्णकांत धुरिया नाम के ऑटो चालक ने खाना खिलवाया। उन्हीं के मोबाइल पर रिश्तेदार से पांच सौ रुपए डलवाए, तब कहीं जाकर गोरखपुर के लिए निकल पा रहे हैं। यह दास्तां गोरखपुर से मेंगलुरू गए उन आठ मजदूरों की है, जो मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन पर तीन दिनों तक फंसे रहे। तीन दिन भूखे थे। इन लोगों का हाल देखकर ऑटो चालक कृष्णकांत ने बात की और इन्हें तिलक नगर में शिव भोजन में खिलाने ले गया। वहां 5 रुपए में खाना मिलता है। वहां 5 रुपए में इन लोगों को एक की बजाए दो-दो प्लेट खाना दिया गया। फिर कुशीनगर ट्रेन से ये ...

इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम देवबंद में कुरआन के साथ गीता, रामायण और वेदों की ऋचाएं भी पढ़ाई जा रहीं

यूपी के देवबंद में 164 साल पुराना एशिया का सबसे बड़ा इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम कुरआन, हदीस की शिक्षा और अपने फतवों के लिए पहचाना जाता है। आम तौर पर यहां की लाइब्रेरी में दाढ़ी और टोपी वाले स्टूडेंट कुरआन की आयतें, वेदों की ऋचाएं और गीता-रामायण के श्लोकों का उच्चारण करते मिल जाएंगे। दरअसल यह संस्थान छात्रों को गीता, रामायण, वेद, बाइबिल, गुरुग्रंथ और अन्य कई धर्मों के ग्रंथों की शिक्षा भी देता है। दारुल उलूम के बारे में इस जानकारी से अधिकांश लोगों को आश्चर्य हो सकता है, लेकिन हर साल यहां से पास होकर ऐसे स्पेशल कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों की तादाद करीब 300 है। इनमें 50 सीटें हिंदू धर्म के अध्ययन के लिए होती हैं। यहां छात्र मौलवी की डिग्री के बाद स्पेशल कोर्स चुन सकते हैं दारुल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी बताते हैं कि यहां छात्र मौलवी की डिग्री के बाद स्पेशल कोर्स चुन सकते हैं। यहां शिक्षा के 34 विभाग हैं, 4 हजार से अधिक स्टूडेंट्स हर साल अध्ययन करते हैं। उस्मानी बताते हैं कि 24 साल पहले देवबंद की कार्यकारी समिति ने यह स्पेशल कोर्स चलाने का फैसला किया था। इसके त...