Skip to main content

कोरोना के चलते टूरिज्म क्षेत्र के 70% कर्मचारी बेरोजगार हो सकते हैं, व्यवसायी बदल रहे पेशा; पर घूमने निकलें तो 3 बातों का ध्यान जरूर रखें

मानसून, साल का वो वक्त होता है,जब घूमने के शौकीन सफर में होते हैं। लोग तेज बारिश के दौरान नेचर के बीच कुछ खाली वक्त बिताने अपनी पसंदीदा जगहों पर जाते हैं। हालांकि, कोरोनावायरस ने इस साल वेकेशन प्लान को खराब कर दिया है। इतना ही नहीं महामारी के कारण भारत के पर्यटन को भी खासा नुकसान हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात स्थित स्टैच्यूऑफ यूनिटी में विजिटर्स की संख्या जनवरी से फरवरी तक 38% कम हुई है। जबकि रेवेन्यूकलेक्शन 5 करोड़ तक गिर गया है।

बेरोजगार हो सकते हैं 3.8 करोड़ लोग
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडिया टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी (फेथ) ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। संस्था ने अनुमान लगाया है कि व्यापार बंद होने जैसे कई कारणों के चलते 70 फीसदी यानी 3.8 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी बेरोजगार हो सकते हैं। जबकि कुल कर्मचारियों की संख्या करीब 5.5 करोड़ है।

अक्टूबर से मार्च है टूरिज्म का वक्त

  • कई प्रमुख ट्रैवल वेबसाइट्स और जानकारोंके मुताबिक, भारत में सबसे ज्यादा टूरिज्म अक्टूबर से शुरू होकर मार्च तक चलता है। खासतौर से नवंबर से लेकर मध्य फरवरी तक। इस दौरान पूरे देश में मौसम ठंडा और शांत होता है। इसके बावजूद भारत में ऐसी कई जगह हैं, जहां यात्री केवल बारिश में ही जाना पसंद करते हैं।
  • दिल्ली स्थित ट्रेवल एजेंसी घूम इंडिया घूम के फाउंडर सर्वजीत संकिृत बताते हैं किहम मानसून के दौरान घूमने के शौकीन लोगों को प्लेन एरिया में जाने की सलाह देते हैं। हिल स्टेशन पर लैंड स्लाइड का खतरा होता है।सर्वजीत के मुताबिक, मानसून घूमने का अच्छा वक्त इसलिए भी माना जाता है, क्योंकि इस दौरान टूर पैकेज और होटल रेट आम दिनों के मुकाबले सस्ते होते हैं।

थॉमस-कुक ब्लॉग के मुताबिक देश में मानसून में घूमने की प्रमुख जगहें-

कोडइकनाल, तमिलनाडु
तमिलनाडु राज्य के दक्षिण में स्थित कोडइकनाल भी मानसून के दौरान खासी लोकप्रिय जगह है। यहां मानसून के वक्त इलाके झरने, झील और हरियाली से भर जाते हैं। यहां टूरिस्ट कोडइकनाल लेक, कोकर्स वॉक, ब्रायंट पार्क समेत कई चीजों की मजा ले सकते हैं। यहां वॉटर स्पोर्ट्स भी मशहूरहै।

अंडमान एंड निकोबार आईलैंड
वाइल्ड लाइफ और वॉटर स्पोर्ट्स के लिए मशहूर अंडमान और निकोबार आइलैंड में करीब 570 आईलैंड्स हैं। अंडमान एंड निकोबार आईलैंड को भी मानसून के दौरान घूमने के लिए खास जगहों में गिना जाता है। यहां हेवलॉक आईलैंड, बारातांग और राधानगर बीच काफी मशहूर हैं।

कूर्ग, कर्नाटक
फ्लोरा एंड फॉना से ढके कूर्ग को मानसून के दौरान खास जगहों में गिना जाता है। यहां पर कॉफी की खेती काफी फेमस है। कूर्ग में टूरिस्ट के अलावा ट्रैकिंग, पहाड़ पर चढ़ने और कैंपिंग के शौकीन लोग भी इकट्ठे होते हैं।

मुन्नार, केरल
केरल राज्य का शहर मुन्नार ब्रिटिश राज के समय से मशहूर हिल स्टेशन है। यह शहर घुमावदार पहाड़ियों पर की जाने वाली चाय की खेती के लिए भी मशहूर है। मानसून के दौरान पर्यटकों के बीच मुन्नार खासी लोकप्रिय है।

कोरोना के चलतेलोगों ने बदलेव्यवसाय

  • टूरिज्म स्पॉट पचमढ़ी में होटल व्यवसाय करने वाले रोहित माहेश्वरी बताते हैं कि मई और जून पचमढ़ी का पीक सीजन होता है, लेकिन कोरोनाके कारण इस बार सब खाली है।पचमढ़ीपूरी तरह से टूरिज्म पर निर्भरहै, यहां का हर बिजनेस टूरिज्म का ही है। अगर यहां टूरिज्म नहीं रहा तो कहीं न कहीं इस शहर में यह इंडस्ट्री खत्म हो जाएगी।
  • रोहित कहते हैं कि कई लोगों ने यहां अपना काम बदल लिया है। टैक्सी और टूरिस्ट गाइड जैसे व्यवसाय बंद हो चुके हैं। ऐसे में लोगों ने दूसरे काम शुरू किए हैं। कुछ फॉरेस्ट में जाकर काम कर रहे हैं, तो कुछ सब्जियां बेच रहे हैं। उनके होटल में पहले करीब 15-20 लोग होते थे, लेकिन यह आंकड़ा कम होकर 3 पर आ गया है। पचमढ़ी में हर होटल में केवल 10 फीसदी ही स्टाफ बचा है।
  • महाराष्ट्र के खंडाला स्थित सनराइज हिल रिसॉर्ट के जनरल मैनेजर इस्माइल मुरशद के मुताबिक, महामारी के कारण करीब 70 फीसदी कारोबारका नुकसान हो चुका है। हम मानसून के चार महीनों में ही साल भर की कमाई कवर करते हैं।तीन मुख्य टूरिस्ट स्पॉट मुंबई, पुणे और लोनावला हैं। यहां 60 प्रतिशत लोग मुंबई और पुणे से ही छुट्टियां मनाने आते हैं, लेकिन इस बार कोई भी नहीं आ रहा है।

जब तक डर है लोग नहीं आएंगे
रोहित टूरिज्म के कम होने का कारण लोगों के डर को भी मानते हैं। कहते हैं कि सरकार ने भले ही लॉकडाउन में ढील दिएहैं, लेकिन लोगों के मन में डर है, इसलिए बिजनेस को कोई प्रॉफिट नहीं हो रहा है। जब तक लोगों का डर खत्म नहीं होता है, मुझे लगता है तब तक ऐसे ही चलेगा। जब तक लोगों का डर खत्म नहीं होगा तो लोग ट्रैवल नहीं करेंगे।

सफर नकरें तो बेहतर है
गुजरात के आईओसी वडोदरा में सीनियर कंस्लटेंट सर्जन और सीएमओ डॉक्टर हिमांशु पांडेय कहते हैं कि इसवक्त में ट्रैवल करना अवॉइड करना चाहिए।डॉक्टर पांडेय के मुताबिक, अगर सफर करना जरूरी है तो अपनी निजी वाहन का उपयोग करें। अगर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जा रहे हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और ग्लव्ज जैसी बुनियादी सावधानियां बरतें।

अगर जाना जरूरी है तो इन बातों का रखें ध्यान:



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Coronavirus pandemic impact on tourism


https://ift.tt/3dxSEgR

Comments