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वुहान से वॉशिंगटन और न्यूयॉर्क से नई दिल्ली तक हर जुबां में डर समाया, सांसें आइसाेलेट- जिंदगी क्वारैंटाइन हुई
दुनियाभर में कोरोना के 1 करोड़ मामले हो चुके हैं। यानी वायरस अपने उस रौद्र रूप में है, जिसे देखइंसानी जाति की सांसें सचमुच अटक रही हैं। चीन के वुहान से निकलीकोरोना महामारी जब यूरोप और अमेरिका पहुंची तो उसके साथ नई शब्दावली भी सामने आई।
ये ऐसे शब्द थे जो वैज्ञानिक और प्रशासनिक जगत में तो प्रचलित थे, लेकिन पहली बार आम लोगों का वास्ता इनसे पड़ा और फिर लगातारऐसा पड़ा कि अब इनके बिना कोरोना की चर्चा ही अधूरी लगती है। ये दुनिया की तमाम भाषाओं के सबसे जरूरी शब्दबन गए हैं।
कोरोनाकाल में चर्चित हुए 10 सबसे महत्वपूर्णशब्दों को आज भी समझने और उन पर लगातार अमल की जरूरत है, आजइन्हीं शब्दों में गुंथीकहानी, तस्वीरों की जुबानी...
बहुजन समाज पार्टी बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सभी 6 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर करेगी। इसके साथ ही भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी। जिसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने और बसपा के विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ अपील की है। मामले की सुनवाई जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ करेगी। कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष मामले में 24 जुलाई को ही आदेश पारित करते हुए याचिका खारिज कर दी गई थी, लिहाजा उसके कोई मायने नहीं। भाजपा नई याचिका दायर सकती है। अब मदन दिलावर द्वारा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा याचिका को खारिज करने के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी गई है। साथ ही बसपा के 6 विधायकों के विलय के खिलाफ भी फिर से याचिका लगाई गई है। बसपा राष्ट्रीय पार्टी, अध्यक्ष की सहमति के बिना विलय संभव नहीं बसपा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि पार्टी महासचिव ने व्हिप जारी किया हुआ है, जिसमें कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के आदेश हैं। अगर फ्लोर टेस्ट मैं व्हिप का उ...
सेठ को काम शुरू करना था तो उन्होंने हमें फ्लाइट से मेंगलुरू बुलवाया था। वहां पहुंचे तो उन्होंने बताया कि अब दूसरी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट हो गया है, इसलिए तुम्हारी जरूरत नहीं। हमने वापस जाने के लिए किराया देने का कहा तो बोले, तुम्हें पहले ही फ्लाइट से बुलवाया है, मेरा काफी पैसा खर्च हो गया। अब जाने का किराया नहीं दे सकता। अपने हिसाब से निकल जाओ। इसके बाद हम बड़ी मुश्किल से मुंबई तक आए। मुंबई स्टेशन पर तीन दिन तक पड़े रहे क्योंकि वापस जाने का किराया ही नहीं था। दो दिन से खाना नहीं खाया था। कृष्णकांत धुरिया नाम के ऑटो चालक ने खाना खिलवाया। उन्हीं के मोबाइल पर रिश्तेदार से पांच सौ रुपए डलवाए, तब कहीं जाकर गोरखपुर के लिए निकल पा रहे हैं। यह दास्तां गोरखपुर से मेंगलुरू गए उन आठ मजदूरों की है, जो मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन पर तीन दिनों तक फंसे रहे। तीन दिन भूखे थे। इन लोगों का हाल देखकर ऑटो चालक कृष्णकांत ने बात की और इन्हें तिलक नगर में शिव भोजन में खिलाने ले गया। वहां 5 रुपए में खाना मिलता है। वहां 5 रुपए में इन लोगों को एक की बजाए दो-दो प्लेट खाना दिया गया। फिर कुशीनगर ट्रेन से ये ...
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