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पढ़िए, दि इकोनॉमिस्ट की चुनिंदा स्टोरीज सिर्फ एक क्लिक पर

1. अमेरिका, भारत और कई अन्य देशों में सत्ताधारी नेता लोकतांत्रिक परंपराओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं। भारत में न्यायपालिका, चुनाव आयोग सहित कई सरकारी संस्थाएं सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का दबाव महसूस कर रही हैं। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें ये लेख...

दुनियाभर में लोकतंत्र पर सत्ताधीशों का कहर; भारत सहित कई देशों में सरकारों की मनमानी

2. चीन के एक टीवी शो 'इफ यू आर द वन' की लोकप्रियता ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया से लेकर कई देशों में देखने को मिल रही है। यूट्यूब पर करोड़ों दर्शक इसे देखते हैं। क्या है इस शो का मुख्य आकर्षण? जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

चीन का टीवी डेटिंग शो कई देशों में लोकप्रिय

3. अमेरिका में क्रिसमस से पहले का शॉपिंग सीजन शुरू हो चुका है। इस साल कोरोना के कारण अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेलर एसोसिएशन ने ब्लैक फ्राइडे को एक दिन के बदले एक माह तक चलाने की घोषणा की है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें ये लेख...

अब शॉपिंग के खास दिनों की अवधि बढ़ाई गई

4. अमेरिका के फूड, ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार 10 दिसंबर या उसके बाद फाइजर और बायोएनटेक की पहली वैक्सीन को उपयोग की मंजूरी मिलेगी। अमेरिका के अनुभव पर पूरी दुनिया की नजर है। वैक्सीन वितरण को लेकर क्या है अमेरिका की तैयारी? जानें इस लेख में...

अमेरिका में वैक्सीन आने के चार माह बाद महामारी काबू में आएगी



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Read selected stories from The Economist with just one click 28 november 2020


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सेठ ने फ्लाइट से वापस बुलवाया था, दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट हो गया तो भगा दिया, तीन दिन स्टेशन पर भूखे पड़े रहे

सेठ को काम शुरू करना था तो उन्होंने हमें फ्लाइट से मेंगलुरू बुलवाया था। वहां पहुंचे तो उन्होंने बताया कि अब दूसरी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट हो गया है, इसलिए तुम्हारी जरूरत नहीं। हमने वापस जाने के लिए किराया देने का कहा तो बोले, तुम्हें पहले ही फ्लाइट से बुलवाया है, मेरा काफी पैसा खर्च हो गया। अब जाने का किराया नहीं दे सकता। अपने हिसाब से निकल जाओ। इसके बाद हम बड़ी मुश्किल से मुंबई तक आए। मुंबई स्टेशन पर तीन दिन तक पड़े रहे क्योंकि वापस जाने का किराया ही नहीं था। दो दिन से खाना नहीं खाया था। कृष्णकांत धुरिया नाम के ऑटो चालक ने खाना खिलवाया। उन्हीं के मोबाइल पर रिश्तेदार से पांच सौ रुपए डलवाए, तब कहीं जाकर गोरखपुर के लिए निकल पा रहे हैं। यह दास्तां गोरखपुर से मेंगलुरू गए उन आठ मजदूरों की है, जो मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन पर तीन दिनों तक फंसे रहे। तीन दिन भूखे थे। इन लोगों का हाल देखकर ऑटो चालक कृष्णकांत ने बात की और इन्हें तिलक नगर में शिव भोजन में खिलाने ले गया। वहां 5 रुपए में खाना मिलता है। वहां 5 रुपए में इन लोगों को एक की बजाए दो-दो प्लेट खाना दिया गया। फिर कुशीनगर ट्रेन से ये ...

इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम देवबंद में कुरआन के साथ गीता, रामायण और वेदों की ऋचाएं भी पढ़ाई जा रहीं

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