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पढ़िए, टाइम मैग्जीन की इस हफ्ते की चुनिंदा स्टोरीज सिर्फ एक क्लिक पर

1. कोरोना वायरस महामारी के नए उफान ने डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को बुरी तरह प्रभावित किया है। अमेरिका के 12% स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हुए हैं, वहीं ब्रिटेन में 40% से अधिक डॉक्टर मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे हैं। समस्याओं के मुख्य केंद्र जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

अमेरिका में 800 स्वास्थ्यकर्मियों की मौत, ब्रिटेन में 40% डॉक्टर मानसिक बीमारियों से पीड़ित

2. टाइम मैग्जीन ने 2020 की सर्वश्रेष्ठ किताबों की सूची जारी की है। इसमें भारतीय मूल की दो लेखिकाओं- मेघा मजूमदार और दीपा अनप्परा के उपन्यासों को शामिल किया है। इनमें से सात किताबों का ब्योरा पेश है इस लेख में...

2020 की 100 सर्वश्रेष्ठ किताबों की सूची, भारतीय मूल के दो लेखकों की किताबें शामिल

3. गेम कंसोल प्ले-स्टेशन का नया स्पाइडरमैन गेम अमेरिका में रंगभेद की झलक को दर्शाता है। प्ले-स्टेशन वीडियो गेम का स्पाइडरमैन अश्वेत है। रोमांच से भरपूर इस गेम का क्या है मुख्य आकर्षण जानें इस लेख में...

प्लेस्टेशन वीडियो गेम का स्पाइडरमैन अश्वेत है

4. अमेरिका में कोरोना वायरस के दोबारा तेजी से फैलने के बीच पर्यटन स्थल हवाई को फिर खोलने पर स्थानीय लोग चिंतित हैं। वहीं कुछ लोग टूरिस्ट की वापसी को द्वीप के लिए अच्छा मानते हैं। महामारी के चलते हवाई में पर्यटकों के लिए क्या है नई व्यवस्था? जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

हवाई में पर्यटकों की वापसी ने चिंता पैदा की



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सेठ ने फ्लाइट से वापस बुलवाया था, दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट हो गया तो भगा दिया, तीन दिन स्टेशन पर भूखे पड़े रहे

सेठ को काम शुरू करना था तो उन्होंने हमें फ्लाइट से मेंगलुरू बुलवाया था। वहां पहुंचे तो उन्होंने बताया कि अब दूसरी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट हो गया है, इसलिए तुम्हारी जरूरत नहीं। हमने वापस जाने के लिए किराया देने का कहा तो बोले, तुम्हें पहले ही फ्लाइट से बुलवाया है, मेरा काफी पैसा खर्च हो गया। अब जाने का किराया नहीं दे सकता। अपने हिसाब से निकल जाओ। इसके बाद हम बड़ी मुश्किल से मुंबई तक आए। मुंबई स्टेशन पर तीन दिन तक पड़े रहे क्योंकि वापस जाने का किराया ही नहीं था। दो दिन से खाना नहीं खाया था। कृष्णकांत धुरिया नाम के ऑटो चालक ने खाना खिलवाया। उन्हीं के मोबाइल पर रिश्तेदार से पांच सौ रुपए डलवाए, तब कहीं जाकर गोरखपुर के लिए निकल पा रहे हैं। यह दास्तां गोरखपुर से मेंगलुरू गए उन आठ मजदूरों की है, जो मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन पर तीन दिनों तक फंसे रहे। तीन दिन भूखे थे। इन लोगों का हाल देखकर ऑटो चालक कृष्णकांत ने बात की और इन्हें तिलक नगर में शिव भोजन में खिलाने ले गया। वहां 5 रुपए में खाना मिलता है। वहां 5 रुपए में इन लोगों को एक की बजाए दो-दो प्लेट खाना दिया गया। फिर कुशीनगर ट्रेन से ये ...

इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम देवबंद में कुरआन के साथ गीता, रामायण और वेदों की ऋचाएं भी पढ़ाई जा रहीं

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