Skip to main content

दैनिक भास्कर ईयर एंडर के विशेष अंक में पढ़ें वो घटनाएं, कंट्रोवर्सी या लोग, जो बीते साल सुर्खियों में रहे

1. 2020 में देश-दुनिया में सनक, अविश्वास और तानाशाही से सबसे बड़े विवाद पैदा हुए। भारत-चीन की झड़प से लेकर अमेरिकी चुनाव विवाद तक की पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

2. 2020 में कई चेहरे सुर्खियों में बने रहे। अमेरिका और ब्रिटेन में हमारा दबदबा रहा, वहीं वित्त मंत्री सीतारमण 100 प्रभावी महिलाओं की सूची में आईं। इस लेख में पढ़ें पूरी खबर...

3. इस साल सरकार और सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई बड़े फैसले लिए गए। जहां आठ साल बाद निर्भया के चारों दोषी को फांसी हुई, वहीं ‘वंदेभारत’ अभियान में 30 लाख भारतीयों को भारत लाया गया। ऐसे ही अन्य बड़े फैसले जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

4. साल 2020 में देश-विदेश में कई नामी हस्तियों का निधन हुआ। इनमें कई राजनेता, कारोबारी और खेल जगत से जुड़ी कई देशी-विदेशी नामी हस्तियां शामिल रहीं। पूरी खबर पढ़ें इस लेख में...

5. 2020 में कई झकझोर देने वाली घटनाएं हुईं। लापरवाही, मनमानी, अत्याचार ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया। बेरूत धमाके से लेकर विशाखापट्‌टनम की जहरीली गैस रिसाव जैसी अन्य घटनाएं जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

6. 2020 की सबसे बड़ी त्रासदी ऑस्ट्रेलिया में लगी जंगलों की आग थी। जिसमें 300 करोड़ जीव खाक हो गए, वहीं 800 लोगों की मौत हुई। पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

7. तुर्की में 3 नवंबर को भूकंप के चार दिन बाद मलबे से तीन साल की एक बच्ची आयदा गेजगिन जिंदा निकली। पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

8. लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के पलायन की तस्वीर और कोरोना काल में पुलिसकर्मी की तस्वीर बताती हैं जिंदगी के सच। पूरी खबर पढ़ें इस लेख में...



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
In the special issue of Dainik Bhaskar Year End, read events, controls or people who were in the headlines last year.


https://ift.tt/3hmslxH

Comments

Popular Posts

सेठ ने फ्लाइट से वापस बुलवाया था, दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट हो गया तो भगा दिया, तीन दिन स्टेशन पर भूखे पड़े रहे

सेठ को काम शुरू करना था तो उन्होंने हमें फ्लाइट से मेंगलुरू बुलवाया था। वहां पहुंचे तो उन्होंने बताया कि अब दूसरी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट हो गया है, इसलिए तुम्हारी जरूरत नहीं। हमने वापस जाने के लिए किराया देने का कहा तो बोले, तुम्हें पहले ही फ्लाइट से बुलवाया है, मेरा काफी पैसा खर्च हो गया। अब जाने का किराया नहीं दे सकता। अपने हिसाब से निकल जाओ। इसके बाद हम बड़ी मुश्किल से मुंबई तक आए। मुंबई स्टेशन पर तीन दिन तक पड़े रहे क्योंकि वापस जाने का किराया ही नहीं था। दो दिन से खाना नहीं खाया था। कृष्णकांत धुरिया नाम के ऑटो चालक ने खाना खिलवाया। उन्हीं के मोबाइल पर रिश्तेदार से पांच सौ रुपए डलवाए, तब कहीं जाकर गोरखपुर के लिए निकल पा रहे हैं। यह दास्तां गोरखपुर से मेंगलुरू गए उन आठ मजदूरों की है, जो मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन पर तीन दिनों तक फंसे रहे। तीन दिन भूखे थे। इन लोगों का हाल देखकर ऑटो चालक कृष्णकांत ने बात की और इन्हें तिलक नगर में शिव भोजन में खिलाने ले गया। वहां 5 रुपए में खाना मिलता है। वहां 5 रुपए में इन लोगों को एक की बजाए दो-दो प्लेट खाना दिया गया। फिर कुशीनगर ट्रेन से ये ...

इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम देवबंद में कुरआन के साथ गीता, रामायण और वेदों की ऋचाएं भी पढ़ाई जा रहीं

यूपी के देवबंद में 164 साल पुराना एशिया का सबसे बड़ा इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम कुरआन, हदीस की शिक्षा और अपने फतवों के लिए पहचाना जाता है। आम तौर पर यहां की लाइब्रेरी में दाढ़ी और टोपी वाले स्टूडेंट कुरआन की आयतें, वेदों की ऋचाएं और गीता-रामायण के श्लोकों का उच्चारण करते मिल जाएंगे। दरअसल यह संस्थान छात्रों को गीता, रामायण, वेद, बाइबिल, गुरुग्रंथ और अन्य कई धर्मों के ग्रंथों की शिक्षा भी देता है। दारुल उलूम के बारे में इस जानकारी से अधिकांश लोगों को आश्चर्य हो सकता है, लेकिन हर साल यहां से पास होकर ऐसे स्पेशल कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों की तादाद करीब 300 है। इनमें 50 सीटें हिंदू धर्म के अध्ययन के लिए होती हैं। यहां छात्र मौलवी की डिग्री के बाद स्पेशल कोर्स चुन सकते हैं दारुल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी बताते हैं कि यहां छात्र मौलवी की डिग्री के बाद स्पेशल कोर्स चुन सकते हैं। यहां शिक्षा के 34 विभाग हैं, 4 हजार से अधिक स्टूडेंट्स हर साल अध्ययन करते हैं। उस्मानी बताते हैं कि 24 साल पहले देवबंद की कार्यकारी समिति ने यह स्पेशल कोर्स चलाने का फैसला किया था। इसके त...