Skip to main content

इस दशक में महिला खिलाड़ियों का दबदबा, 10 साल में ओलिंपिक के 50% मेडल जीते

नेशनल स्पोर्ट्स डे पर शनिवार को अवाॅर्ड दिए जाएंगे। कोरोना के कारण अवॉर्ड पहली बार ऑनलाइन दिए जाएंगे। कोरोना पॉजिटिव विनेश फोगाट इसमें शामिल नहीं होंगी। 74 अवॉर्डी में से 60 शामिल होंगे। सबसे बड़े खेल रत्न अवॉर्ड के इस बार 5 में से 3 अवाॅर्ड महिला खिलाड़ियों को दिए जाने हैं।

यह संयोग नहीं, बल्कि मौजूदा दशक में महिला खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन का नतीजा है। 2010 के पहले ओलिंपिक में सिर्फ एक महिला खिलाड़ी ने मेडल जीता था। इसके बाद 10 साल में भारत ने जितने ओलिंपिक मेडल जीते, उसमें से आधे महिला खिलाड़ियों को मिले हैं।

सानिया ने 5 ग्रैंड स्लैम टाइटल पर कब्जा किया

टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने 5 ग्रैंड स्लैम टाइटल जीते। वे इस दौरान डबल्स की रैंकिंग में नंबर-1 पर भी पहुंचीं।

इस बार की खेल रत्न

  • विनेश फोगाट को 2014, 2018 काॅमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में गोल्ड। दोनों गेम्स में मेडल जीतने वाली पहली महिला रेसलर बनीं थीं।
  • रानी रामपाल की कप्तानी में महिला हाॅकी टीम ने टोक्यो ओलिंपिक का टिकट हासिल किया। 226 मैच में 112 गोल कर चुकी हैं।
  • मणिका बत्रा ने 2018 काॅमनवेल्थ गेम्स के टेबल टेनिस में दो गोल्ड सहित चार मेडल जीते थे।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
10 साल में भारत ने जितने ओलिंपिक मेडल जीते, उसमें से आधे महिला खिलाड़ियों को मिले हैं।  


https://ift.tt/31D8T9T

Comments

Popular Posts

सेठ ने फ्लाइट से वापस बुलवाया था, दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट हो गया तो भगा दिया, तीन दिन स्टेशन पर भूखे पड़े रहे

सेठ को काम शुरू करना था तो उन्होंने हमें फ्लाइट से मेंगलुरू बुलवाया था। वहां पहुंचे तो उन्होंने बताया कि अब दूसरी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट हो गया है, इसलिए तुम्हारी जरूरत नहीं। हमने वापस जाने के लिए किराया देने का कहा तो बोले, तुम्हें पहले ही फ्लाइट से बुलवाया है, मेरा काफी पैसा खर्च हो गया। अब जाने का किराया नहीं दे सकता। अपने हिसाब से निकल जाओ। इसके बाद हम बड़ी मुश्किल से मुंबई तक आए। मुंबई स्टेशन पर तीन दिन तक पड़े रहे क्योंकि वापस जाने का किराया ही नहीं था। दो दिन से खाना नहीं खाया था। कृष्णकांत धुरिया नाम के ऑटो चालक ने खाना खिलवाया। उन्हीं के मोबाइल पर रिश्तेदार से पांच सौ रुपए डलवाए, तब कहीं जाकर गोरखपुर के लिए निकल पा रहे हैं। यह दास्तां गोरखपुर से मेंगलुरू गए उन आठ मजदूरों की है, जो मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन पर तीन दिनों तक फंसे रहे। तीन दिन भूखे थे। इन लोगों का हाल देखकर ऑटो चालक कृष्णकांत ने बात की और इन्हें तिलक नगर में शिव भोजन में खिलाने ले गया। वहां 5 रुपए में खाना मिलता है। वहां 5 रुपए में इन लोगों को एक की बजाए दो-दो प्लेट खाना दिया गया। फिर कुशीनगर ट्रेन से ये ...

इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम देवबंद में कुरआन के साथ गीता, रामायण और वेदों की ऋचाएं भी पढ़ाई जा रहीं

यूपी के देवबंद में 164 साल पुराना एशिया का सबसे बड़ा इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम कुरआन, हदीस की शिक्षा और अपने फतवों के लिए पहचाना जाता है। आम तौर पर यहां की लाइब्रेरी में दाढ़ी और टोपी वाले स्टूडेंट कुरआन की आयतें, वेदों की ऋचाएं और गीता-रामायण के श्लोकों का उच्चारण करते मिल जाएंगे। दरअसल यह संस्थान छात्रों को गीता, रामायण, वेद, बाइबिल, गुरुग्रंथ और अन्य कई धर्मों के ग्रंथों की शिक्षा भी देता है। दारुल उलूम के बारे में इस जानकारी से अधिकांश लोगों को आश्चर्य हो सकता है, लेकिन हर साल यहां से पास होकर ऐसे स्पेशल कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों की तादाद करीब 300 है। इनमें 50 सीटें हिंदू धर्म के अध्ययन के लिए होती हैं। यहां छात्र मौलवी की डिग्री के बाद स्पेशल कोर्स चुन सकते हैं दारुल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी बताते हैं कि यहां छात्र मौलवी की डिग्री के बाद स्पेशल कोर्स चुन सकते हैं। यहां शिक्षा के 34 विभाग हैं, 4 हजार से अधिक स्टूडेंट्स हर साल अध्ययन करते हैं। उस्मानी बताते हैं कि 24 साल पहले देवबंद की कार्यकारी समिति ने यह स्पेशल कोर्स चलाने का फैसला किया था। इसके त...