Skip to main content

AC-कूलर चलाएं तो खिड़कियां खुली रखें ताकि ताजी हवा आए, बंद घर में एक ही हवा का रीसर्कुलेट होना खतरनाक

प्रदेश में कोरोना के मामलों का रिव्यू करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से AC, कूलर से बचने की सलाह दी है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं जहां कोरोना का इलाज करा रहा हूं वहां, कूलर और AC का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। कोरोनावायरस का AC और कूलर से क्या कनेक्शन है, इसे समझने की जरूरत है, क्योंकि केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी करके इसका सीमित इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

वो रिसर्च जिससे AC -कूलर के प्रयोग पर सवाल उठे

चीन में महामारी की शुरुआत में इस पर एक रिसर्च की गई। रिसर्च एक महिला पर हुई थी। शोध के मुताबिक, ग्वांगझू के रेस्तरां में एक महिला जहां बैठी थी उसके ठीक पीछे AC था और उसमें कोरोना के लक्षण दिखे थे। उसने अपनी टेबल पर बैठे चार लोग और 5 अन्य लोगों को संक्रमित किया। इस मामले के बाद AC का कोरोना के कणों से कनेक्शन ढूंढा गया।

अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर डाेनॉल्ड मिल्टन का कहना है कि यह रिसर्च साबित करती है कि कोरोना के कण हवा में मौजूद रहते हैं। हवा का मूवमेंट अधिक होने पर कोरोना के कण नाक तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

इसका एक उदाहरण परागकणों से समझा जा सकता है। जिस रेस्तरां में यह घटना हुई वहां के एक्जॉस्ट फैन बंद थे। वहां ताजी हवा का फ्लो नहीं था। अगर ऐसी जगह पर एक साथ कई लोग संक्रमित हो सकते हैं तो ऐसे घर जहां वेंटिलेशन बेहद कम है, वहां खतरा और भी ज्यादा है।

प्रो. डाेनॉल्ड मिल्टन के मुताबिक, 1918 में फ्लू महामारी के दौरान भी मरीजों को ऐसी जगह रखा गया था, जहां ताजी हवा आ सके। इन्हें टेंट के नीचे रखा गया था, जिसके चारों तरफ कोई बंदिश या दीवार नहीं थी। विशेषज्ञों ने खुली हवा को डिसइंफेक्टेंट बताया था।

बाहर से आने वाली हवा कैसे कोरोना के कणों को रोकेगी

अमेरिकी शोधकर्ता किंगयान चेन कहते हैं कि अगर घर में कोई कोरोना का मरीज है तो AC को बंद कर देना ही बेहतर होगा। सबसे सेफ विकल्प है कि सारी खिड़कियां खोल दें। बंद कमरे से संक्रमण का खतरा कितना है, इस पर किंगयान कहते हैं कि ऐसी स्थिति में अगर ड्रॉप्लेट्स या कोरोना के बारीक कण होते हैं तो संक्रमण का खतरा बढ़ता ही है लेकिन जब बाहर से हवा आती है तो उस माहौल का दबाव घटता है। हवा उस दबाव को घटाती है।

AC हवा की नमी खत्म करता है, इससे खतरा सबसे ज्यादा

हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर एडवर्ड नार्डेल कहते हैं कि एयर कंडीशनर कोरोना के बेहद बारीक कणों को चारों तरफ फैला सकते हैं। AC हवा से नमी को खत्म कर देते हैं और हम सब जानते हैं कि वायरस को संक्रमण फैलाने के लिए सूखा वातावरण काफी पसंद है इसलिए वेंटिलेशन का ध्यान रखें।

अब ये समझें कि घर के अंदर AC या कूलर की हवा से कोरोना का क्या कनेक्शन है

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. मधुर यादव कहते हैं कि बंद कमरे में AC एक ही हवा को बार-बार अंदर-बाहर फेंकता है। अगर घर में कोई संक्रमित इंसान है तो उसके ड्राॅपलेट्स बंद कमरे में AC के जरिए चारों तरफ घूमते रहेंगे तो संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। इसलिए बाहर की ताजी हवा आना जरूरी है। इसीलिए ज्यादातर अस्पतालों में भी AC बंद कर दिए गए हैं।

डॉ. मधुर यादव कहते हैं, अगर घर में AC चला रहे हैं तो जरूरी है कि ताजी हवा घर के अंदर जरूर जाए। यही बात कूलर और पंखों के लिए भी है। कूलर चला रहे हैं तो घर के बाहर से इसका सम्पर्क होना चाहिए, ताकि इसके जरिए घर में ताजी हवा पहुंचे।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल के चिरायु अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे हैं। वह खुद भी पंखे का इस्तेमाल कर रहे हैं और प्रदेशवासियों से भी कूलर-AC से बचने की सलाह दी है।

अब बात AC -कूलर से जुड़ी सरकारी गाइडलाइन की

25 अप्रैल को केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण एक गाइडलाइन जारी की। इसमें संक्रमण के मामले रोकने के लिए AC, कूलर और पंखे को इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी गई थी।

AC : तापमान 24 से 30 डिग्री होना चाहिए, खिड़कियां हमेशा थोड़ी खुली रखें

गाइडलाइन के मुताबिक, AC का इस्तेमाल करते वक्त ध्यान रखें कि कमरे का तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। ह्यूमिडिटी यानी नमी का स्तर 40 से 70 फीसदी तक रखें। AC चलाते वक्त खिड़कियां थोड़ी सी खुली रखें ताकि बाहरी हवा कमरे में आती रहे। वरना एक ही हवा बार-बार कमरे में रीसर्कुलेट होती रहेगी। अगर AC बंद है तो भी कमरे की खिड़की खुली रखें ताकि हवा लगातार आती रहे।

कूलर : इसे खिड़की या बाहर की तरफ रखने की सलाह

कूलर में हवा बाहर से आए, यह सबसे जरूरी है। इसलिए कमरे के अंदर न रखें। इसे खिड़की या बाहर की तरफ रखेंं। कूलर को साफ करते रहें और बचे हुए पानी को निकालकर ताजा पानी भरें। गाइडलाइन में कूलर में एयर फिल्टर लगाने की बात भी कही गई थी ताकि बाहरी धूल घर के अंदर न आए।

पंखा : कमरे में वेंटिलेशन के लिए एग्जॉस्ट फैन चलाएं

पंखा चलाते वक्त भी खिड़कियों को थोड़ा खुला हुआ रखने को कहा गया है। गाइडलाइन के मुताबिक, अगर कमरे में एग्जॉस्ट फैन लगा है तो उसे जरूर चलाएं ताकि वेंटिलेशन बना रहे।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Can Air Conditioning Systems cooler or fan Spread The Coronavirus all you need to know in depth story on coronavirus


https://ift.tt/3jOWuqw

Comments

Popular Posts

कांग्रेस में शामिल 6 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए आज हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगी बसपा; भाजपा विधायक की याचिका पर भी होगी सुनवाई

बहुजन समाज पार्टी बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सभी 6 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर करेगी। इसके साथ ही भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी। जिसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने और बसपा के विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ अपील की है। मामले की सुनवाई जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ करेगी। कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष मामले में 24 जुलाई को ही आदेश पारित करते हुए याचिका खारिज कर दी गई थी, लिहाजा उसके कोई मायने नहीं। भाजपा नई याचिका दायर सकती है। अब मदन दिलावर द्वारा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा याचिका को खारिज करने के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी गई है। साथ ही बसपा के 6 विधायकों के विलय के खिलाफ भी फिर से याचिका लगाई गई है। बसपा राष्ट्रीय पार्टी, अध्यक्ष की सहमति के बिना विलय संभव नहीं बसपा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि पार्टी महासचिव ने व्हिप जारी किया हुआ है, जिसमें कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के आदेश हैं। अगर फ्लोर टेस्ट मैं व्हिप का उ...

सेठ ने फ्लाइट से वापस बुलवाया था, दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट हो गया तो भगा दिया, तीन दिन स्टेशन पर भूखे पड़े रहे

सेठ को काम शुरू करना था तो उन्होंने हमें फ्लाइट से मेंगलुरू बुलवाया था। वहां पहुंचे तो उन्होंने बताया कि अब दूसरी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट हो गया है, इसलिए तुम्हारी जरूरत नहीं। हमने वापस जाने के लिए किराया देने का कहा तो बोले, तुम्हें पहले ही फ्लाइट से बुलवाया है, मेरा काफी पैसा खर्च हो गया। अब जाने का किराया नहीं दे सकता। अपने हिसाब से निकल जाओ। इसके बाद हम बड़ी मुश्किल से मुंबई तक आए। मुंबई स्टेशन पर तीन दिन तक पड़े रहे क्योंकि वापस जाने का किराया ही नहीं था। दो दिन से खाना नहीं खाया था। कृष्णकांत धुरिया नाम के ऑटो चालक ने खाना खिलवाया। उन्हीं के मोबाइल पर रिश्तेदार से पांच सौ रुपए डलवाए, तब कहीं जाकर गोरखपुर के लिए निकल पा रहे हैं। यह दास्तां गोरखपुर से मेंगलुरू गए उन आठ मजदूरों की है, जो मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन पर तीन दिनों तक फंसे रहे। तीन दिन भूखे थे। इन लोगों का हाल देखकर ऑटो चालक कृष्णकांत ने बात की और इन्हें तिलक नगर में शिव भोजन में खिलाने ले गया। वहां 5 रुपए में खाना मिलता है। वहां 5 रुपए में इन लोगों को एक की बजाए दो-दो प्लेट खाना दिया गया। फिर कुशीनगर ट्रेन से ये ...