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सबसे घातक बॉर्डर हरामीनाला तीन तरफ से सील; बीएसएफ ने राेड, फ्लड लाइट, टावर से खत्म की पाक से घुसपैठ की गुंजाइश

बीएसएफ ने गुजरात के पश्चिमी बॉर्डर की सबसे खतरनाक सीमा से पाकिस्तानी घुसपैठ को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया है। अथाह दलदल वाले हरामी नाले तक जहां सुरक्षा करना मुश्किल था, उसे तीन ओर से सील कर दिया है। बीएसएफ ने 22 किलोमीटर लंबी फ्लड लाइट से लैस सड़क बना दी, जो नाले के मुहाने तक जाती है और इसी सड़क किनारे खड़े कर दिए वॉच/ओपी टॉवर और पोस्ट (बीओपी)।

चूंकि यहां दलदल से आया नहीं जा सकता, सिर्फ हरामी नाले से घुसपैठ हो सकती थी। यह 22 किमी लंबा नाला 1.5 किमी से ज्यादा चौड़ा है। चार हजार वर्ग किमी इसी दलदली क्षेत्र में है 92 किमी लंबा सर क्रीक इलाका, जिस पर पाकिस्तान अपना कब्जा बताता रहा है।

पहले लखपत पोस्ट से घुसपैठ को रोकना था बहुत मुश्किल

हरामी नाले तक जाने के लिए जवान ऑल टरेन व्हीकल, बोट और पैदल चलकर पहुंचते थे। ये सफर 25 किमी दूर लखपत कोट से शुरू होता था अन्यथा कोटेश्वर होकर आना पड़ता था। भारतीय बीओपी भी लखपत के पास ही थी। यहां से सीधी रोड कनेक्टिवटी पर काम शुरू हुआ। बिजली की लाइन बिछाई और फ्लड लाइट्स भी लगाई गईं। अब पिलर संख्या 1175 के पास नई बीओपी का निर्माण कर दिया। सड़क के छोर पर ओपी टॉवर हैं।

55 साल में 30 फीट से डेढ़ किमी चौड़ा हुआ नाला

  • 965 से पहले ये नाला 30-35 फीट चौड़ा था, अब इसका फैलाव डेढ़ किमी तक हो गया है।
  • इसका दूसरा नाला 700 मीटर और तीसरा 500 मीटर चौड़ा है। तीनों का 22 किमी लंबा चैनल।
  • क्रीक में 2 बार भारत और 2 बार पाकिस्तान में बहाव होता है।

बेपरवाह पाक रेंजर्स, हरामी नाले तक भेज रहे मछुआरे

बीएसएफ की मौजूदगी नहीं होने से पहले पाकिस्तानी आसानी से हरामी नाला में फिशिंग और घुसपैठ करते थे, लेकिन बीएसएफ ने इंटरनेशनल बॉर्डर के सहारे सब रोक दिया। हरामी नाले के होरिजेंटल व वर्टिकल दोनों प्रवाह के चैनल को सील कर दिया है। इतनी सख्ती के बावजूद पाकिस्तानी मछुआरे जीरो लाइन तक फिशिंग करने आ रहे हैं। पाकिस्तानी रेंजर्स मछुआरों को 5 से 10 दिन की अवैध पर्ची देकर भेज दिया करते हैं।

हमने हरामी नाले को तीन तरफ से सील कर दिया है

सरक्रीक इलाके में स्थित हरामी नाला सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ था। यहां से पाकिस्तानी मछुआरे घुसते थे। घुसपैठ की भी आशंका रहती थी। अब हमने यहां नाले को तीन ओर से सील कर दिया है। नाले के मुहाने तक सड़क बनाई गई है। निगरानी के लिए यहां नए निर्माण भी किए जा रहे हैं। - जीएस मलिक, आईजी, बीएसएफ गुजरात फ्रंटियर



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हरामी नाले तक जाने के लिए जवान ऑल टरेन व्हीकल, बोट और पैदल चलकर पहुंचते थे। ये सफर 25 किमी दूर लखपत कोट से शुरू होता था अन्यथा कोटेश्वर होकर आना पड़ता था।


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