गौहत्या का आरोप लगाकर समाज से बाहर किए गए परिवार की लड़की को गांंव के ही शास्त्री ने नवरात्र के समापन पर हुए भंडारे से बेइज्जत कर भगा दिया। शास्त्री ने कहा कि तुम लोग समाज पर कलंक हो, यहां से भाग जाओ। इससे दुखी लड़की ने जान दे दी।
बुधवार की ये घटना मध्य प्रदेश के शिवपुरी के मुहारीखुर्द गांव की है। शास्त्री की प्रताड़ना से दुखी 17 साल की चांदनी ने घर आकर खुद पर केरोसीन छिड़क कर आग लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई। आरोपी नाथूराम शास्त्री के खिलाफ पुलिस ने केस कर्ज कर लिया है, वह फरार है।
आरोपी 51 हजार रुपए देने का दबाव डाल रहा था
चांदनी के परिवार ने समाज से बाहर किए जाने के पंचायत के फैसले के बाद इलाहाबाद जाकर गंगास्नान और पूजा भी की थी। गांव के लोगों के लिए भंडारा भी किया था, लेकिन आरोपी शास्त्री चांदनी के परिवार से जुर्माने के तौर पर 51 हजार रुपए देने के लिए जोर डाल रहा था।
परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं, इसलिए जुर्माना नहीं भर पाए
4 महीने चांदनी के पिता बृजेश पांडेय के खेत में गाय की बछिया घुस गई थी। पांडेय के भतीजे ने बछिया को बांध दिया, लेकिन गलत तरीके से बांधने की वजह से उसकी मौत हो गई। इस पर गांव वालों ने बृजेश के परिवार पर गौहत्या का आरोप लगाते हुए उन्हें समाज से बाहर कर 51 हजार का जुर्माना लगा दिया था। लेकिन, परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने की वजह से वे पैसे नहीं दे पाए।
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