पुलिस ने लाश घर भी नहीं ले जाने दी, परिजन की मर्जी के खिलाफ रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया; प्रियंका बोलीं- मुख्यमंत्री इस्तीफा दें
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 साल की दलित लड़की से गैंगरेप और हैवानियत हुई, पीड़ित ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस मंगलवार रात 12:50 बजे शव को पैतृक गांव लाई, लेकिन घरवालों को लाश नहीं सौंपी। आखिरी बार बेटी का चेहरा देखने के लिए माता-पिता और भाई तड़प उठे, लेकिन परिवार वालों की एक नहीं सुनी गई और रात 2:40 बजे जबरन अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस पर आरोप है कि अंतिम संस्कार के दौरान पीड़ित परिवार के एक भी सदस्य को मौजूद नहीं रहने दिया, बल्कि पुलिस ने खुद ही लाश जला दी। इस मामले को लेकर गांव में तनाव है।
प्रियंका गांधी ने कहा- योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दें
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि "रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी, तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ तो सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दें।"
..अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया।@myogiadityanath इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।
परिवार, ग्रामीण और पुलिस के बीच हुई झड़प
रात जब पीड़ित का शव एंबुलेंस से गांव लाया गया तो परिवार वालों ने हंगामा शुरू कर दिया। दरअसल, परिवारीजन शव सौंपने की मांग कर रहे थे। लेकिन प्रशासन अंतिम संस्कार करने की जल्दबाजी में जुटा था। परिवार वाले एंबुलेंस के सामने भी लेट गए। इस दौरान पुलिस, प्रशासन और ग्रामीणों के बीच झड़प भी हुई। आरोप है कि एडीएम ने परिवार वालों से बदसलूकी की। परिवार हिंदू रीति रिवाज के अनुसार रात में शव का अंतिम संस्कार नहीं करना चाहते थे। लेकिन जबरन शव को चिता पर रखकर आग लगा दी गई। इस दौरान किसी केमिकल का भी इस्तेमाल किया गया। शायद वह पेट्रोल था। इस प्रक्रिया के दौरान मीडिया वालों को भी दूर रखा गया।
एम्स रेफर थी बहन, सफदरजंग क्यों ले गए?
पीड़ित के भाई ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। भाई ने कहा कि उसकी बहन को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज से दिल्ली एम्स रेफर किया गया था। लेकिन उन्हें इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया। अगर बहन को सही वक्त पर इलाज मिल गया होता तो वह आज जिंदा होती। परिवार वालों ने नाराजगी जाहिर करते हुए यह भी कहा है कि उन्हें यूपी पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है।
यह है पूरा मामला
हाथरस जिले के थाना चंदपा इलाके के एक गांव में 14 सितंबर को चार दबंग युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ गैंगरेप को अंजाम दिया था। आरोप है कि वारदात के बाद आरोपियों ने पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट ली थी। घटना के बाद पुलिस ने एक आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था। दो अन्य भी अलग-अलग तारीखों में पकड़े गए। चौथे आरोपी को बीते शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, युवती को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन, उसकी हालत देखते हुए उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था।
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