प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों को लेकर आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शाम 4 बजे मीटिंग शुरू होगी। इसमें कोरोना की स्थिति पर भी बात होगी। देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू होगा। मोदी ने शनिवार को हाईलेवल मीटिंग की थी, जिसके बाद सरकार ने वैक्सीनेशन की तारीख का ऐलान किया।
वैक्सीनेशन में 3 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रायरिटी
वैक्सीन के लिए हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को तरजीह दी जाएगी, जिनकी संख्या 3 करोड़ है। इनके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इस तरह करीब 27 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा।
वैक्सीन के दो डोज होंगे। इन्हें 28 दिन के अंतर से दिया जाएगा। सभी को दो डोज लगाने होंगे, तभी वैक्सीन शेड्यूल पूरा होगा। दूसरा डोज देने के दो हफ्ते बाद शरीर में कोरोना से बचाने वाली एंटीबॉडी बन जाएंगी। एंटीबॉडी यानी शरीर में मौजूद वह प्रोटीन, जो वायरस, बैक्टीरिया, फंगी और पैरासाइट्स के हमले को बेअसर कर देता है।
देश में 2 वैक्सीन को मंजूरी मिली
- ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानी DCGI ने इमरजेंसी यूज के लिए दो वैक्सीन को मंजूरी दी है।
- पहली वैक्सीन कोवीशील्ड है, जिसे एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर बनाया है।
- भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कोवीशील्ड का प्रोडक्शन कर रही है।
- इसका जब हाफ डोज दिया गया तो इफिकेसी 90% रही। एक महीने बाद फुल डोज में इफिकेसी 62% रही।
- दोनों तरह के डोज में औसत इफिकेसी 70% रही। कोवीशील्ड के 5 करोड़ डोज तैयार हैं।
- दूसरी वैक्सीन कोवैक्सिन है। अभी इसके फेज-3 ट्रायल्स के नतीजे नहीं आए हैं। कोवैक्सिन को भारत बायोटेक बना रही है।
- इसके फेज-2 ट्रायल्स के नतीजों के मुताबिक, कोवैक्सिन की वजह से शरीर में बनी एंटीबॉडी 6 से 12 महीने तक कायम रहेंगी। कोवैक्सिन के 2 करोड़ डोज तैयार हैं।
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